News Synopsis
मंडियों में अनाज के भण्डारण में सुव्यवस्थित व्यवस्था ना होने के कारण अनाज को बहुत नुकसान होता था। कारण यह था कि जिस तरह से अनाजों का भण्डारण किया जाता है, उससे अनाज को अधिक क्षति होती थी। ज्यादा समय के लिए भंडारण में अनाज के सड़ने का अधिक खतरा रहता है। अब मंडियों को भी आधुनिकीकरण से जोड़ कर अनाज के भण्डारण के लिए नए तरीकों को अपनाया जा रहा है। इससे अनाज को कम नुकसान हो रहा है। अब आधुनिक मंडियों के कारण अनाज में होने वाले नुकसान में कमी आयी है। अब अनाज के भण्डारण पुराने तरीके को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। केंद्रीय खाद्य सचिव के अनुसार भण्डारण में बदलाव के कारण नुकसान की प्रतिशतता 0.003 रह गयी है जो कि अब तक 0.006 थी। गौरतलब है कि यदि अनाजों की कम क्षति होती है तो अनाजों की उपलब्धता अधिक रहेगी। इससे आम इंसानों की जेब पर भी असर पड़ेगा क्योंकि अनाज की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के कारण उन्हें सस्ते दामों पर अनाज मिलेगा। #ThinkWthNiche.
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