Craft Industry में Business Growth


 कला का मतलब सिर्फ आधुनिकता की तरफ बढ़ना नहीं बल्कि छोटे-छोटे विभिन्न क्राफ्ट वर्क को बढ़ावा देना भी है। भारत में शिल्पकला को नया आयाम देने के लिए सरकार  द्वारा क्राफ्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार कलाकारों को मार्केटिंग, डिजाइनिंग और सेलिंग के बारे में पूरी जानकारी पहुंचा रही है।  

उत्तर प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना के शुभारंभ के बाद पारंपरिक क्षेत्रीय हस्तशिल्प  की एक विस्तृत विविधता की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, प्रदेश सरकार हस्तशिल्प पार्क का भी निर्माण कर रही है। जो पारंपरिक शिल्प का संरक्षण करेगा, राज्य के हजारों कारीगरों को रोजगार प्रदान करेगा और साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था में हस्तशिल्प क्षेत्र के योगदान को बढ़ावा देगा। यूपी अपने समृद्ध पारंपरिक हस्तशिल्प  के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बनारसी साड़ी, मुरादाबाद के पीतल के काम, कन्नौज के इत्र , लखनऊ के चिकनकारी शामिल हैं। वास्तव में, राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक विशेष उत्पाद  है जो इसकी पहचान का अभिन्न अंग है। हाथों से बनी इन कलात्मक चीज़ों को विदेशी लोग  भी खूब पसंद करते हैं। 

अगर बात करें हेंडीक्राफ्ट बिज़नेस की तो भारतवर्ष में  हेंडीक्राफ्ट बिज़नेस का इतिहास  बहुत पुराना है। हालांकि, हमारा देश कलात्मक प्रतिभा का पहले से धनी रहा है। कई दशकों से हैंडीक्राफ्ट  से जुड़े कारीगरों द्वारा रचनात्मक तरीके से राष्ट्र की सांस्कृतिक  प्रतिभा को दर्शाया जाता रहा है। और यह हेंडीक्राफ्ट बिज़नेस  वर्तमान में लाखों करोड़ों लोगों को रोजगार दे रहा है। साथ ही ग्रामीण इलाकों  के लोग मुख्य रूप से इस बिज़नेस से लाभान्वित  हो रहे हैं। भारत में हैंडीक्राफ्ट  में बहुत सारे उत्पाद  हैं, और ये सभी एक दूसरे से अलग हैं।

यदि आप हैंडीकाफ्ट बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आपके लिए ये क्षेत्र बहुत बड़ा हो सकता है। हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस द्वारा आप आसानी से सफलता  प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि आजकल सभी लोग हाथ से बनी हुई वस्तुएं बहुत पसंद कर रहे हैं, चाहे वह भारत  में हों या विदेश  में। 

हम आपको बताएंगे की आप किस तरह के हेंडीक्राफ्ट बिज़नेस कर सकते हैं-

हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय  में अनेकों उत्पादों  का निर्माण किया जाता है। अलग-अलग सेक्टर  के आधार पर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों  को कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।

सामान्य हैंडीक्राफ्ट वस्तुएं: 

यदि आप इस क्षेत्र में नए हैं तो हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस शुरू करने के लिए आप सामान्य हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं Handycraft things से शुरू कर सकते हैं जैसे लकड़ी , पत्थर , धातु , शीशा , छड़ी, और बांस  इत्यादि से निर्मित वस्तुएं हो सकती हैं। इनमें मुख्य रूप से देवी देवताओं की मूर्तियां , गुल्ल्क , फ्लावर पॉट, मैडल, ट्रॉफीज , फोटो फ्रेम, टोकरी  इत्यादि बनायीं जाती हैं। आज इस आधुनिकता के दौर में भी लोग हेंडीक्राफ्ट वस्तुओं को बहुत पसंद कर रहे हैं। आप सामान्य हैंडीक्राफ्ट वस्तुयों से भी अपने बिज़नेस की यात्रा को शुरू कर सकते हैं। 

हथकरघा और कपड़ा: 

आप अपना व्यवसाय हथकरघा और कपड़ों के क्षेत्र में भी शुरू कर सकते हैं। इस श्रेणी में वे वस्तुएं आती हैं जिन्हें घर की साज सज्जा  हेतु तैयार किया जाता है। इसमें आम तौर पर हाथों से डिज़ाइन किये गए चादरें, तकिए, तकिए के कवर, चटाई, बैग और अन्य घरेलु वस्तुएं आती हैं। 

गहने: 

हैंडीक्राफ्ट में व्यवसाय का सबसे अच्छा क्षेत्र गहने भी हो सकता है। भारत में हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री में गहने अर्थात आभूषण बनाने हेतु लोहे, मनके, चांदी एवं अन्य धातुओं का उपयोग किया जाता है। हालांकि गहनों को जिन आकर्षक बक्सों में रखा जाता है उन बक्सों का निर्माण भी मुख्य रूप से छोटे स्तर के आदिवासी कारीगरों  द्वारा ही किया जाता है। इस क्षेत्र में आप गले के, नाक के, कान के, पैरों के लगभग सभी प्रकार के गहने तैयार कर सकते हैं। 

पारम्परिक पोशाक एवं उपकरण: 

यह क्षेत्र व्यवसाय  का एक बहुत अच्छा जरिया हो सकता है। आदमी, औरतों तथा बच्चों  के पारम्परिक पोशाक का निर्माण हाथ की कला जानने वाले कारीगरों के द्वारा ही किया जाता है जिसे लोग खूब पसंद भी करते हैं। कारीगरों द्वारा पोशाकों को जरी बूटी के माध्यम से आकर्षक  बनाने का काम भी किया जाता है साथ ही पारंपरिक पोशाकों से जुड़े उपकरणों का निर्माण भी किया जाता है। 

कार्पेट:

हम सभी जानते है कि भारत में निर्मित कार्पेट सदियों से विश्व विख्यात रहे हैं। हमारे देश के कारीगरों द्वारा उत्पादित ऊन और रेशम से निर्मित कारपेट बहुत अधिक प्रचलन में हैं जिन्हें विदेश में भी लोग इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा विदेशों में अब भी इसकी मांग उतनी ही है और इसमें भारत की अच्छी कमाई आज भी बरक़रार है।

लैदर आइटम : 

व्यवसाय के नजरिये से लैदर की वस्तुएं बहुत अधिक प्रभावित  होती हैं। यह एक ऐसी वस्तु है जिससे निर्मित वस्तुओं को देश विदेश में काफी पसंद किया जाता है। बेल्ट, पर्स, जूते, चप्पल, जैकेट इत्यादि बनाने में भारतीय कारीगरों द्वारा इसका उपयोग सदियों से किया जाता रहा है।

चित्र : 

अपनी कल्पना  को कैनवास पर उतारना एवं भिन्न-भिन्न वस्तुओं के अंदर या बाहर चित्र बनाना एक अद्भुत कला है। इन चित्रों के माध्यम से कारीगर अपनी अभिव्यक्ति को दर्शाता है। ऐसी कारीगरी द्वारा आप इस व्यवसाय में काफी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।  

पोशाक : 

यदि आप इस क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि भारतीय पोशाक विदेशी बाज़ार में भी अपनी छाप छोड़े हुए हैं, यह आपकी सफलता का एक अच्छा सूत्र  साबित हो सकता है। पोशाकों पर निर्मित तरह तरह की डिज़ाइन इसका मुख्य कारण है जैसे एम्ब्रोइडरी, जरी बूटी इत्यादि। यही कारण है की इंडिया की कपड़ा इंडस्ट्री  विश्व विख्यात है क्योंकि भारत के कारीगरों द्वारा की गई डिज़ाइन जरी-बूटी इत्यादि को हर जगह पसंद किया जाता है। 

कागज़ी उत्पाद: 

इंडिया की पेपर इंडस्ट्री  हमेशा से अपने उत्पाद  बाहरी देशों को निर्यात करती रही है, और यही कारण है की इंडस्ट्री द्वारा बनाये जाने वाले उत्पाद  विश्व विख्यात हैं। इनमें श्रेणी में मुख्य रूप से पेपर से निर्मित सजावट का सामान और टेबल पे रखने वाली वस्तुए आदि आती हैं। 

फर्नीचर उत्पाद: 

दुनिया भर में भारतीय फर्नीचर को काफी पसंद किया जाता है। इस श्रेणी में मुख्य रूप से बेड, स्टूल, कुर्सियां, मिरर फ्रेम्स, होम टेम्पल्स, सोफे इत्यादि आते हैं। यदि आप इसमें अपना हाथ आजमाना चाहते हैं तो ये श्रेणी एक अच्छा विकल्प हो सकती है। यह बिज़नेस आपको विदेशों से भी सफलता दिलाएगा।

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