आज के इस टेक्नोलॉजी के युग में मनुष्य ने बहुत सारी ऐसी सफलताएं हासिल कर ली हैं जिसकी इंसान कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। ऐसे ही आज हमने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जिससे धरती पर पड़ने वाली सूरज की किरणों को विद्युत् उर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत की गिनती ऐसे देशों में होती है, जहाँ साल के 365 दिनों में से लगभग 300 दिन धूप रहती है। यही कारण है कि सौर उर्जा के मामले में भारत का भविष्य काफी अच्छा है और आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अधिकतम देश सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं। आज पारंपरिक संसाधनों के माध्यम से विद्युत उत्पन्न करना निरन्तर महंगा होता जा रहा है इसलिए इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही विकल्प है Solar Energy सौर ऊर्जा। चलिए आज जानते हैं क्या है सौर ऊर्जा, इसके क्या फायदे हैं, सर्वश्रेष्ठ सौर कंपनियां कौन सी हैं और सोलर खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आदि के बारें में आज हम यहाँ विस्तार से जानेंगे।
सौर ऊर्जा क्या है ?
सौर उर्जा सूर्य की किरणों से प्राप्त होती है। साल 1839 में इसकी खोज अलेक्जेंडर एडमंड बेस्क़ुएरेल Alexandre-Edmond Becquerel द्वारा की गयी थी। इन्होने फोटोवोल्टिक इफ़ेक्ट के माध्यम से बताया था कि सूर्य की किरणों से विद्युत उत्पादन कैसे किया जा सकता है। आज के समय में कई गांवों और शहरों में सोलर पैनल solar panel के द्वारा बिजली पैदा कर इसका प्रयोग किया जा रहा है। सूर्य की किरणों से आने वाली ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने को ही सौर ऊर्जा कहा जाता है। सौर ऊर्जा नवीकरणीय संसाधनों का सबसे बेहतर विकल्प है। सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा Renewable energy है। नवीकरणीय ऊर्जा से मतलब एक ऐसी उर्जा से है, जो कभी ख़त्म नहीं होगी। वैज्ञानिकों का मत है कि धरती पर सूर्य की किरणें आने वाले 500-600 करोड़ वर्षो तक रहेंगी इसलिए हम सौर ऊर्जा से विद्युत् पैदा करके पर्यावरण को भी सुरक्षित करके अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। आज पूरी दुनिया में लोग conscious of environmental protection पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो रहे हैं। दरअसल पारंपरिक संसाधनों से प्राप्त होनें वाली बिजली की कीमते लगातार बढ़ रही हैं जिसके कारण भी लोगों का रुझान सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ रहा है और सरकार की तरफ से भी लोगों को सौर उर्जा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सौर ऊर्जा वातावरण के लिये अत्यधिक लाभकारी है। क्योंकि यह वातावरण में कार्बन-डाइऑक्साइड और अन्य कई हानिकारक गैसें नहीं छोड़ती है जिसकी वजह से वातावरण प्रदूषित होने से बच जाता है। सौर हीटिंग Solar Heating, कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण Artificial Photosynthesis और तापीय ऊर्जा Thermal Energy आदि सौर ऊर्जा से ही चलती हैं। सौर उर्जा के द्वारा प्राप्त होनें वाली बिजली में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं होती है। सरकार द्वारा भी सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पन्न करने के लिए सोलर पैनल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
सोलर पैनल कैसे काम करता है और कौन सा सोलर पैनल लगवाएं
सोलर पैनल या सोलर सिस्टम कैसे काम करता है ये जानना भी जरुरी है। एक देश को आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा के पर्याप्त स्रोत होने जरुरी हैं। इसी ऊर्जा के स्रोत में एक बेहतर स्रोत है सोलर पैनल। यह प्रदूषण मुक्त ऊर्जा pollution free energy पैदा करता है इसलिए इसे ऊर्जा का सबसे उपयुक्त स्रोत माना जाता है। इसके अलावा इसमें किसी प्रकार के ईंधन, पेट्रोल या डीज़ल की आवश्यकता भी नही रहती है। यह सूरज की रोशनी से काम करता है। यह धूप के द्वारा ऊर्जा प्राप्त करके हमे ऊष्मा या विद्युत देता है। दरअसल सूर्य से निकलने वाली रोशनी में ऊर्जा के कण पाये जाते हैं, जिन्हें “फोटॉन” photon कहते हैं। इन्ही फोटॉन को ऊष्मा या विद्युत के रूप में प्राप्त करना ही “सौर ऊर्जा” कहलाता है और सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ही “सोलर पैनल” का प्रयोग किया जाता है। सौर पैनल में परस्पर सम्बद्ध सौर सेल लगे होते हैं। ये सौर सेल “सिलिकॉन” silicon की परतों से बने हुए होते हैं। जब सूरज की रोशनी इन सेल पर पड़ती है तो सेल द्वारा फोटॉन की ऊर्जा अवशोषित की जाती है। इसके बाद ऊपरी परत में पाये जाने वाले इलेक्ट्रॉन सक्रिय हो जाते हैं और ऊर्जा का प्रवाह आरम्भ हो जाता है। फिर ये ऊर्जा बहती हुई सारे पैनल में फैल जाती है बस फिर इस तरह से सोलर पैनल ऊर्जा का निर्माण करते हैं।
अब कौन सा सोलर सिस्टम लगवाएं ये जानना भी जरुरी है। सोलर सिस्टम मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं -
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम off grid Solar system-
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम off grid solar system में आपको Solar Panel सोलर पैनल, Inverter इन्वर्टर और बैटरी का उपयोग करना पड़ता है। इसमें आपको बैटरी बैकअप मिलता है। फिर आप दिन के समय सोलर पैनल के द्वारा बैटरी को चार्ज करके रात के समय में इसका उपयोग कर सकते हैं। मतलब यह आपके उपयोग के ऊपर निर्भर करता है यदि आपको बैटरी बैकअप की जरूरत है तो आपको ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाना होगा।
ऑन ग्रिड On Grid Solar system-
यदि आपके यहां बिजली कम जाती है और आपको बिजली बचाने की जरूरत है तो आप ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम तभी काम करता है जब मुख्य आपूर्ति Main Supply उपलब्ध होती है। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में सिर्फ सोलर पैनल और इनवर्टर का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें इनवर्टर की मदद से आपके घर के उपकरण चलाए जाते हैं।
सोलर पैनल दो प्रकार के होते हैं : Monocrystalline मोनोक्रिस्टेलिन और Polycrystalline पोलीक्रिस्टेलिन
मोनोक्रिस्टेलिन सोलर पैनल और पोलीक्रिस्टेलिन सोलर पैनल
आप सोलर पैनल के टाइप में मोनोक्रिस्टेलिन सोलर पैनल और पोलीक्रिस्टेलिन सोलर पैनल में से अपने अनुसार कोई भी लगा सकते हैं। मोनोक्रिस्टेलिन सोलर पैनल सूर्य की हल्की रोशनी से भी ऊर्जा प्राप्त कर विद्युत प्रदान करते हैं इसलिए ये महंगे भी होते है यानि जिस क्षेत्र में सूरज कम समय के लिए ही दिखाई देता है उस क्षेत्र में Monocrystalline Solar Panel सोलर पैनल फायदेमंद होते हैं। पोलीक्रिस्टेलिन सोलर पैनल Polycrystalline का इस्तेमाल अच्छी धूप वाले क्षेत्र में किया जाता है और इनकी क्षमता Monocrystalline मोनोक्रिस्टेलिन से थोड़ी कम होती है और इनकी कीमत भी कम होती है।
सौर ऊर्जा के लाभ सौर ऊर्जा कृषि पम्प के फायदे
सौर ऊर्जा हमारे लिए अत्यंत लाभकारी है। सौर ऊर्जा का प्रयोग अनेक उद्देश्यों के लिये किया जाता है। सौर ऊर्जा निकाय को कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। क्योंकि सौर उर्जा के पैनलों को आसानी से घरों में कहीं भी रखा जा सकता है और सबसे बड़ी बात की यह ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में काफी सस्ता भी है। यह नवीकरणीय ऊर्जा है जो कभी खत्म नहीं होगी। इसके अलावा जहाँ बिजली की सुविधा नहीं है या कमी है वहां पर लोग अपने घर की छत के ऊपर सोलर पैनल लगवा कर बिजली का उपयोग कर सकते हैं। इसका कोई बिल भी नहीं भरना पड़ता है। Solar Energy सौर ऊर्जा वातावरण के लिए काफी लाभदायक है। क्योंकि ऊर्जा उत्पादन में पूरी दुनिया में हर साल लगभग 20 अरब टन कार्बन डाइ-ऑक्साइड Carbon dioxide और कई अन्य दूषित तत्व निकलते हैं जो कि वायुमंडल को प्रदूषित करने के साथ साथ वायुमंडल में तापमान में वृद्धि का भी एक प्रमुख कारण बनते हैं। सौर ऊर्जा के द्वारा पर्यायवरण का संरक्षण किया जा सकता है और आने वाले भविष्य को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में खेतों में भी सोलर पैनल का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें बिना किसी बिजली के कनेक्शन के प्राकृतिक रूप से बिजली उपलब्ध कर सकते हैं। इसका फायदा यह है कि खेतों में कृषि उपकरणों को चलाने में इसका प्रयोग कर सकते हैं। सर्दियों के मौसम में गरम पानी करने के लिए, विद्युत के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करके खर्चे में भी कटौती कर सकते हैं तथा वातावरण को भी प्रदूषण मुक्त रखने में सहयोग कर सकते हैं। साथ ही कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा कृषि पम्प Solar Power Agriculture Pump के लाभ भी बेशुमार हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंप के द्वारा किसानों को irrigation सिंचाई के लिए बिजली और डीजल जैसे महंगे स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। इसके द्वारा आप फसलों तक पानी आसानी से पहुँचा सकते हैं। यह वायु प्रदूषण भी कम करते हैं और पर्यावरण के लिए भी अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं।
सर्वश्रेष्ठ सौर कंपनियां और योजनाएं
आपको किस ब्रांड के सोलर पैनल लेने चाहिए इसकी भी आपको जानकारी होनी चाहिए। वैसे तो काफी ब्रांड हैं लेकिन कुछ सर्वश्रेष्ठ सौर कंपनियां हैं जैसे -लूम सोलर Loom Solar (भारत), रेन्यूसिस सोलर (इंडिया), विक्रम सोलर Vikram Solar (भारत), ट्रिना सोलर Trina solar (चीन), वारी सोलर (इंडिया), कैनेडियन सोलर Canadian solar (कनाडा), टाटा सोलर Tata Power Solar (भारत), अदानी सोलर Adani (भारत), जिंको सोलर Jinko (चीन) आदि। ये सारी कंपनियां आपको सभी अच्छे ब्रांड के सोलर सिस्टम प्रदान कर सकते हैं।
आज लोगो का रुझान सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ रहा है। साथ ही भारत सरकार के प्रयास के द्वारा भी लोगो को सौर उर्जा के प्रति जागरूक करनें के लिए कई प्रकार की योजनायें भी लागू की जा रही हैं। सरकार इन योजनाओं के द्वारा लोगो को सोलर पैनल भी दे रही है और इसके साथ साथ इन सोलर पैनल की खरीद पर सरकार द्वारा छूट के साथ सब्सिडी subsidy भी दी जा रही है। पहले सौर उर्जा के बारें में लोगो को जानकारी नहीं थी लेकिन आज लोग जागरूक हो चुके हैं। देखा जाये तो आज सौर ऊर्जा का प्रयोग गांवों से लेकर शहरों तक किया जा रहा है और यह बहुत ही सराहनीय कदम है। सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाये समय-समय पर चलायी जा रही हैं। इन योजनाओं का एक ही मकसद है कि लोगों को सौर उर्जा के प्रति जागरूक करना। जिसका परिणाम यह हुआ कि अब सौर ऊर्जा के इस्तेमाल में काफी वृद्धि हुई है।
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