बैंकर-ग्राहक संबंध (Banker And Customer Relationship)

 

banker-customer-relationship 

Post Highlights

बैंकों को देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण तत्व माना गया है। बैंकर और ग्राहक के बीच का रिश्ता विश्वास पर आधारित होता है जो कि ऋणदाता और कर्जदार का होता है। बैंक व ग्राहक के बीच जो मुख्य संबंध होता है वह है ऋणदाता के रूप में बैंक और कर्जदार के रूप में ग्राहक का। और ग्राहक के बीच संबंध ऋणदाता तथा कर्जदार का होता है। बैंक और ग्राहक के बीच संबंध खाता बंद होने पर ही ख़त्म होता है। जब कोई ग्राहक बैंक में लॉकर लेता है तो बैंक और ग्राहक के बीच संबंध पट्टाकर व पट्टाकर का होता है। जमा खातों में बैंक व ग्राहक के बीच जो मुख्य संबंध होता है वह है ऋणदाता के रूप में बैंक और कर्जदार के रूप में ग्राहक का।

आज पूरी दुनिया में बैंक को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व माना गया है। बैंक से ही अर्थव्यवस्था का विकास होता है। बैंकर और ग्राहक के बीच का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है। अगर बैंक प्रणाली नहीं होती तो संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था हिल जाती। बैंकिंग प्रणाली से ग्राहक अलग-अलग प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सबसे पहले ग्राहक बैंक के साथ एक खाता खोलता है तब वह एक फॉर्म भरता है। जब वह बैंक खाते में पैसा जमा करता है तो वह बैंक का लेनदार बन जाता है। बैंक कर्जदार हो जाता है। ग्राहक की जमा राशि से व्यापार करने के लिए बैंक स्वतंत्र होता है। बैंक उस पैसे को अपने हिसाब से कहीं भी निवेश कर सकता है और अगर ग्राहक उस पैसे को वापस लेना चाहता है तो उसकी भी एक प्रक्रिया निश्चित होती है।

उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2019 उपभोक्ताओं के हित को सुरक्षित करने के लिए लागू किया गया है। आजकल ऑनलाइन का समय है और ऑनलाइन के इस दौर में इंटरनेट और विभिन्न ऑनलाइन तंत्रों के साथ पूरा विश्व जुड़ चुका है। बेहतर रिटर्न के लिए लोग अपनी बचत और कीमती सामान बैंकों में रखते हैं। कई बार ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी सामने आते हैं। ब्रांड वैल्यू वाले लोगों को ऋण देने की मनमानी पर रोक लगनी चाहिए और अशुद्धता और निष्क्रियता के लिए जिम्मेदार पाए जाने पर खाते को ठीक कर देना चाहिए। देश में बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां सभी के लिए चिंतित कर देने वाली हैं। यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है इसलिए हमें इस पर कुछ नियम बनाने चाहिए। बैंक में ग्राहक के भी कुछ अधिकार होते हैं। उनमे से ये पाँच अधिकार मुख्य हैं जैसे सही व्यवहार का अधिकार, पारदर्शिता और ईमानदारी का अधिकार, निजता का अधिकार, उपयुक्ता का अधिकार और शिकायत निवारण का अधिकार। इन अधिकारों के बारे में हर किसी को जानना जरूरी है कि ग्राहक के बैंक में क्या अधिकार हैं। हम लोगों में से बहुत कम लोग अपने बैंकिंग अधिकारों के बारे में जानते हैं। बैंक में हमें किसी न किसी वजह से जाना ही पड़ता है। वैसे तो लोग पहले से काफी जागरूक हो गए हैं लेकिन फिर भी कई ऐसे अधिकार हैं जिनकी जानकारी कस्टमर को नहीं होती है। ग्राहकों के इन अधिकारों पर खुद रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की नज़र रहती है। बैंको द्वारा ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाने वाली प्रमुख सेवाएं जैसे चालू जमा खाता, बचत जमा खाता, पीपीएफ, पेंशन भुगतान और मांग ड्राफ्ट आदि। ऋण देना और विनियोग के लिए सामान्य जनता से राशि जमा करना तथा चेकों, ड्राफ्टों तथा आदेशों द्वारा मांगने पर उस राशि का भुगतान करना बैंकिंग व्यवसाय कहलाता है। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है।

बैंकर और ग्राहक के बीच क्या संबंध है?

एक बैंकर अपने ग्राहक के एजेंट के रूप में कार्य करता है और अपने ग्राहक की सुविधा के लिए कई एजेंसी कार्य करता है।

बैंकर और ग्राहक के बीच अंतर

जब बैंकर ग्राहक से जमा स्वीकार करता है तो बैंक ऋणी हो जाता है और ग्राहक लेनदार होता है।

एक सफल प्राकृतिक सौन्दर्य उत्पाद व्यवसाय कैसे शुरू करें?

Tags: 

banker and customer relationship, What is the relation between banker and customer?, general relationship between banker and customer

 
Explore More Articles in our SYNERGY Category, Click Here

Explore Global Business News, Click Here 

 

 

Comments